सेप्सिस पर जागरूकता फैलाने के लिए शैल्बी हॉस्पिटल का वॉक-ए-थॉन

इंदौर हाल ही में शैल्बी मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल इंदौर ने सेप्सिस के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए वॉक-ए-थॉन का आयोजन किया, जहाँ शैल्बी का स्टाफ हाथ में ‘क्विक एक्शन फॉर सेव लाइफ फ्रॉम सेप्सिस (सेप्सिस से बचने के लिए अपनाएं त्वरित उपचार)’ की तख्तियां एवं बैनर के साथ नजर आया। इस वॉक-ए-थॉन का उद्देश्य सेप्सिस के बारे में मरीजों और मेडिकल स्टाफ को जागरूक करना था।

जब गंभीर बीमारियों या मरीजों को प्रोटोकॉल के हिसाब से इलाज नहीं मिल पाता तो अक्सर संक्रमण फ़ैल जाता है यह स्थिति सेप्सिस कहलाती है, वैसे तो सेप्सिस की चपेट में वे लोग आते हैं जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है लेकिन यह एक गंभीर समस्या है, डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार विश्व में होने वाली मौतों के पांच प्रमुख कारणों में से एक सेप्सिस भी है। हर साल 13 सितम्बर को सेप्सिस दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य लोगों को सेप्सिस के प्रति जागरूक करना एवं इससे होने वाली हानियों से आगाह करना है।

शैल्बी हॉस्पिटल के मेडिकल सुप्रिटेंडेंट डॉ विवेक जोशी ने सेप्सिस पर लोगों को जागरूक करते हुए कहा “संक्रमण सेप्सिस का रूप तब लेता है जब इसकी स्थिति बेहद गंभीर हो जाती है इस स्थिति में ब्लड प्रेशर कम हो जाता है एवं शुगर की मात्रा बढ़ जाती है। यहाँ एंटीवायरल, एंटीबायोटिक, एंटीफंगल एवं एंटीपैरासिटिक ड्रग्स के साथ एक बेहतर देखभाल की भी जरूरत होती है अन्यथा स्थिति बिगड़ सकती है। इस वॉक-ए-थॉन का उद्देश्य मरीज एवं मेडिकल स्टाफ को इस स्थिति के प्रति जागरूक करना है ताकि लोग इसकी गंभीरता को समझ सकें। मरीजों को भी यह समझना जरुरी है कि इन्फेक्शन होने पर उसे नजरंदाज न करते हुए तुरंत ही इंटेंसिविस्ट / फिजिशियन (इन्फेक्शन का उपचार करने वाले डॉक्टर) से संपर्क करें, गोल्डन ऑवर्स में इसका उपचार होना जरुरी है, देर होने पर मल्टीपल ऑर्गन फैलियर हो सकते हैं जिससे मरीज की जान भी जा सकती है।”

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