भोपाल: एक ऐतिहासिक प्रेस सम्मेलन के दौरान धानुका एग्रीटेक लिमिटेड ने मध्य प्रदेश में मौजूद कृषि क्षमता पर रोशनी डाली। इस अवसर पर सम्मेलन को सम्बोधित करने वाले प्रवक्ताओं में डॉ आर.जी. अग्रवाल, चेयरमैन एमेरिटस, धानुका एग्रीटेक लिमिटेड; श्री चेतन सराओगी, प्रेसिडेंट, धानुका एग्रीटेक लिमिटेड शामिल रहे।
वक्ताओं ने ज़ोर देकर कहा कि मध्यप्रदेश के पास विविध कृषि-जलवायु क्षेत्र और मजबूत फसल उत्पादन क्षमता होने के बावजूद, राज्य अभी तक अपनी पूरी कृषि क्षमता का उपयोग नहीं कर पाया है ताकि भारत की कृषि GDP में और बड़ा योगदान दे सके। उन्होंने यह भी बताया कि कृषि विकास को तेज़ करने और किसानों की भलाई के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है, खासकर पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल के ज़रिए। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के 14 करोड़ किसानों और 6.5 लाख गांवों की ज़रूरतें कोई एक संस्था अकेले पूरी नहीं कर सकती।
सम्मेलन के दौरान किसानों को सामना करने वाली तीन प्रमुख समस्याओं पर चर्चा की गई: आधुनिक कृषि तकनीकों तक सीमित पहुंच, उत्पादों के लिए उचित मूल्य न मिलना, और उच्च गुणवत्ता वाले असली कृषि उत्पादों की कमी। प्रवक्ताओं ने सरकार से आग्रह किया कि इन मुद्दों को हल करने के लिए किसानों के लिए जागरूकता और प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए जाएं। उन्होंने यह भी सलाह दी कि किसान केवल वैध बिलों के साथ कृषि इनपुट्स खरीदें और पैकेजिंग पर मौजूद QR कोड के जरिए उत्पाद की प्रमाणिकता जांचें।
डॉ आर.जी. अग्रवाल, चेयरमैन एमेरिटस, धानुका एग्रीटेक लिमिटेड ने इस दिशा में प्रयासों के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया और किसान समुदाय को सशक्त बनाने के लिए मध्य प्रदेश सरकार से उनके साथ मिलकर पीपीपी-आधारित प्रोग्राम शुरू करने का आग्रह किया।
प्रवक्ताओं ने 2000 में होशंगाबाद जिले में धानुका द्वारा शुरू की गई पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) पहल की सफलता का उल्लेख किया। मध्य प्रदेश सरकार के साथ मिलकर चलाए गए इस कार्यक्रम के परिणामस्वरूप, 2-3 सालों में फसलों की औसत उत्पादकता में 20-30 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जिसके कारण होशंगाबाद को ‘बेस्ट एग्रीकल्चर डिस्ट्रिक्ट’ का प्रतिष्ठित सम्मान प्राप्त हुआ। इस परियोजना के परिणामों को बाद में मैनेज, हैदराबाद द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट में दस्तावेज़ित किया गया और प्रमाणित किया गया।
धानुका एग्रीटेक, अपने ICAR के साथ हुए समझौता ज्ञापन (MoU) के तहत, देशभर में राज्य-स्तरीय जागरूकता अभियानों, किसान प्रशिक्षण कार्यक्रमों, और डीलरों के लिए जागरूकता सत्रों का आयोजन कर रहा है, ताकि वैज्ञानिक खेती और असल कृषि उत्पादों के उपयोग को बढ़ावा दिया जा सके।
इसी कड़ी में, 5 मई को बुंदेलखंड क्षेत्र में एक विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसका मुख्य फोकस दलहनी फसलों की खेती और फसल सुरक्षा पर रहा। इस कार्यक्रम में किसानों और डीलरों ने भाग लिया। रानी लक्ष्मी बाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय (RLBCAU), झांसी के कुलपति डॉ. ए. के. सिंह मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इसके साथ ही RLBCAU और बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, बांदा के कई निदेशकगण भी कार्यक्रम में शामिल हुए।
धानुका भारतीय कृषि प्रणाली में प्रौद्योगिकियों का विशेष रूप से जापान से आयात करने की दिशा में निरंतर अग्रसर है। यह कंपनी गहरी आस्था रखती है कि भारत को कृषि के माध्यम से बदल दिया जा सकता है, और इसके इसी विश्वास को अपनी मूल मंत्र: “भारत को कृषि के माध्यम से बदलना” के साथ आगे बढ़ा रही है।