इंदौर: येस सिक्योरिटीज़ ने अपनी कॉरपोरेट सोशल रेस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) इनिशिएटिव के तहत इंदौर संभाग के बड़वानी ज़िले में एग्रीकल्चर प्रोडक्टिविटी बढ़ाने, सिंचाई ढांचे को मजबूत करने और स्थानीय समुदायों के लिए लंबे समय तक चलने वाले रोज़गार अवसर तैयार करने के लिए कई अहम कदम उठाए हैं। इस इनिशिएटिव से 14 गाँवों की 1700 छोटी और आदिवासी महिला लाभान्वित हुई हैं, जहाँ रूरल डेवलपमेंट, सस्टेनेबल फार्मिंग प्रैक्टिसेज़ और महिला स्वयं सहायता समूहों को मजबूत बनाकर उनकी लाइवलीहुड क्षमता बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया गया है। उच्च लाभकारी फसलें को अपनाने से किसानों की वार्षिक आय में लगभग तीन गुना वृद्धि दर्ज की गई है।
सालभर भरोसेमंद सिंचाई उपलब्ध कराने के लिए इस एग्रीकल्चर इनिशिएटिव के तहत कई वाटर–फोकस्ड इम्प्रूवमेंट्स किए गए। इसमें 13 कुओं की गहराई बढ़ाना और मरम्मत, तथा ड्रिप एवं पीवीसी पाइपलाइन्स जैसे 30 इरिगेशन सिस्टम्स की स्थापना शामिल थी, जिससे किसानों को पानी का अधिक प्रभावी उपयोग करने में मदद मिली। चार गाँवों के तालाबों की डी-सिल्टिंग से 300 एकड़ से अधिक क्षेत्र में रबी और गर्मियों की फसलों की सिंचाई संभव हुई, जिससे किसान पूरे साल अलग-अलग फसलें उगा सके। इसके अलावा, सात वेल-रीचार्जिंग स्ट्रक्चर्स के निर्माण से भू-जल स्तर में उल्लेखनीय सुधार देखने को मिला। इन सभी प्रयासों ने पानी की उपलब्धता बढ़ाई और अनियमित बारिश से होने वाली समस्याओं को काफी कम किया।
इस एग्रीकल्चर इनिशिएटिव का मुख्य लक्ष्य एग्रीकल्चर प्रोडक्टिविटी और फ़ार्म सस्टेनेबिलिटी को बढ़ाना है। इसके तहत किसानों में जागरूकता बढ़ाना, ट्रेनिंग देना, क्लाइमेट-रेज़िलियंट फार्मिंग मेथड्स की जानकारी देना और उनकी क्षमता विकसित करने पर ज़ोर दिया गया। बेल वाली और बिना बेल वाली उच्च मूल्य सब्जियों की खेती को बढ़ावा दिया गया, वहीं सीरियल्स, मिलेट्स (कोदो-कुटकी) और पल्सेज़ की खेती के जरिए प्रोडक्शन बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया। इरिगेशन फ़ैसिलिटीज़ को बेहतर बनाने के लिए कुओं की मरम्मत, डीपेनिंग और स्ट्रेंथनिंग के कार्य किए गए, साथ ही माइक्रो–इरिगेशन टेक्नीक्स को भी सक्रिय रूप से प्रोत्साहित किया गया।
येस सिक्योरिटीज़ के एमडी एवं सीईओ, अंशुल अरझरे ने कहा, “हम महिलाओं को सशक्त बनाने और मॉडर्न एग्रीकल्चर प्रैक्टिसेज़ को बढ़ावा देकर ग्रामीण क्षेत्रों में वास्तविक बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” उन्होंने आगे कहा, “बेहतर इरिगेशन सिस्टम्स, आधुनिक कृषि तकनीकें और रोज़गार के कई अलग अवसर लाने वाली पहलों के माध्यम से हमारा लक्ष्य इनकम इंस्टेबिलिटी और क्लाइमेट रेज़िलिएंस जैसी चुनौतियों को कम करना है, ताकि बड़वानी के किसानों को दीर्घकालिक समृद्धि मिल सके।”
यह एग्रीकल्चर इनिशिएटिव ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण पर केंद्रित है, जो न केवल उन्हें आर्थिक रूप से सक्षम बनाता है बल्कि उन्हें उच्च लाभकारी कृषि में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रोत्साहित करता है, जिससे क्षेत्र की महिलाओं के लिए नए आर्थिक अवसर बनते हैं।
अपनी निरंतर सीएसआर पहलों के माध्यम से येस सिक्योरिटीज़ इन्क्लूसिव और सस्टेनेबल रूरल डेवलपमेंट को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, ताकि मध्य प्रदेश के ग्रामीण समुदाय आर्थिक और सामाजिक रूप से आगे बढ़ सकें।