“कमल” में कलह : खिलेगा या मुरझाएगा ?

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– लगातार बढ़ रही बीजेपी छोड़ने वाले नेताओं की संख्या
– कांग्रेस की मजबूती से खड़े हो रहे सवाल, रूठे नेताओं को मनाने पर जोर दे रहा संगठन

Jai Hind News, Indore 
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव की सरगर्मी के बीच नेताओं का एक पार्टी छोड़कर दूसरी पार्टी में शामिल होने का दौर तेज हो गया है। एक-एक कर कई बीजेपी नेता कांग्रेस का ‘हाथ” थाम रहे हैं। बुधवार को बालाघाट क्षेत्र के बड़े नेता और पूर्व सांसद बोध सिंह भगत अपने पूरे दल-बल के साथ कांग्रेस में शामिल हो गए। सिर्फ वे ही नहीं उनके साथ कई कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की और बीजेपी पर जमकर हमला बोला।
इधर इंदौर में मुख्यमंत्री जन आशीर्वाद यात्रा निकालकर बीजेपी का वजन बढ़ाने की कोशिश में लगे थे और उधर बीजेपी नेताओं ने कांग्रेस का दामन थाम लिया। बालाघाट ही नहीं बल्कि पहले भी कई बीजेपी नेताओं ने कांग्रेस की सदस्यता ली है। यह सिलसिला करीब तीन महीने से तेज हो गया है।

एक दौर था जब सिंधिया कांग्रेस के साथ और बीजेपी के विरोध में थे, लेकिन बाद में वे 22 विधायकों के साथ बीजेपी में शामिल हुए और कांग्रेस सरकार गिर गई थी। फोटो : इंटरनेट, सोशल मीडिया

कई नेता सिंधिया समर्थक, कई दूसरे खेमे के
राजनीतिक गलियारों में इस बात की खुली चर्चा हो रही है कि बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में जाने वाले अधिकतर नेता या तो सिंधिया समर्थकों में शामिल थे, या फिर सिंधिया के बीजेपी में जाने के कारण असंतुष्ट थे। सिंधिया और उनके समर्थकों द्वारा 2020 में बीजेपी में जाने के बाद पूर्व में कद्दावर नेता माने जाने वाले बीजेपी नेताओं ने भी अपनी ही पार्टी से कन्नाी काटना शुरू कर दी। बताया जा रहा है कि बीते कुछ महीनों में करीब 50 बीजेपी नेताओं ने अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस ज्वाइन कर ली है।

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ये है बड़े नेता जो कांग्रेस में चले गए
कुछ ऐसे नेता है जो सिंधिया खेमे में शामिल होकर कांग्रेस से बीजेपी में चले गए थे, जबकि कुछ ऐसे भी थे जो कांग्रेस की ओर से टिकट न मिलने के कारण या संगठन में पद नहीं मिलने से नाराज होकर कांग्रेस छोड़ गए थे। इनमें से अधिकतर फिर से कांग्रेस में शामिल चुके हैं। बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने वाले बड़े नेताओं में प्रमोद टंडन, दिनेश मल्हार, समंदर पटेल, शिवपुरी के रघुरावसिंह धाकड, यादवेंद्रसिंह, बैजनाथ यादव, पूर्व मंत्री दीपक जोशी, भंवरसिंह शेखावत, वीरेंद्रसिंह रघुवंशी, गिरिजाशंकर शर्मा, पूर्व सांसद माखनसिंह सोलंकी, दीपक सारण, हेमंत लारिया, ध्रुव प्रतापसिंह, अवधेश नायक, राजकुमार धनोरा, वंदना बागरी, रोशनी यादव, राकेश गुप्ता गगन दीक्षित सहित और भी कई नाम हैं। इनमें से कुछ मंत्री रह चुके हैं जबकि कुछ सांसद। पंचायत स्तर से लेकर मंत्री के रूप में काबिज कई बड़े नेता अब भी कांग्रेस की ओर रूख करने की योजना बना रहे हैं।
मुरझाएगा या खिलता रहेगा कमल
बीजेपी नेताओं की नाराजी से कांग्रेस लगातार मजबूत होती दिख रही है। एक ओर कुछ नए नेता कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं जबकि दूसरी ओर वे नेता फिर कांग्रेस में लौट रहे हैं जो कभी कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में गए थे। यही सिलसिला जारी रहा तो बीजेपी के लिए आने वाले चुनावों में चुनौती बढ़ सकती है। बीजेपी सरकार फिर से बनाएगी या हाथ मजबूत होगा? कमल खिलेगा या मुरझाएगा यह सवाल गहराता जा रहा है।

फोटो : इंटरनेट, सोशल मीडिया
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