सरिए के विकल्प ‘कम्पोजिट फाइबर रीबार’ को मिली आई एस आई की पहचान

इंदौर: मकान, बिल्डिंग्स, ब्रिज, सड़कों आदि के निर्माण में सरिए का योगदान अमूल्य होता है। देश में सरिए के एक बेहतर विकल्प के तौर पर कम्पोजिट फाइबर रीबार का व्यावसायिक उत्पादन और उपयोग 2019 से किया जा रहा है जिसे हाल ही में ब्यूरो ऑफ़ इंडियन स्टैंडर्ड्स के सर्टिफिकेट मिलने से एक नई पहचान मिली है।

एमआरजी कम्पोजिट के मैनेजिंग डायरेक्टर एवं ऑल इंडिया ग्लास फाइबर रीबार मैन्युफैक्चरर एसोसिएशन के वाईस प्रेसिडेंट अमित गांगुर्डे ने बताया कि कम्पोजिट फाइबर रीबार हर लिहाज से बेहतर है लेकिन हम इसकी सबसे बड़ी ख़ासियत की बात करें तो वह है ‘स्ट्रॉन्गर, लाइटर, चीपर’। कम्पोजिट फाइबर रीबार अन्य स्टील सरिए की अपेक्षा 3 गुना मजबूत, 9 गुना हल्का एवं करीब 30 प्रतिशत तक सस्ता होता है। इसलिए ये आम और ख़ास सभी की पहली पसंद भी बनेगा। हल्का होने के कारण यह उत्पाद ट्रांसपोर्ट के माध्यम से एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने में भी आसान होता है। साथ ही यह जंगरोधी है, जिसके कारण उत्पाद की उम्र दोगुनी हो जाती है। यानी इसे कम दाम में उत्तम गुणवत्ता वाला उत्पाद कहा जा सकता है। यह प्रोडक्ट ‘ग्लास फाइबर रीइनफोर्स्ड पॉलिमर’ (जी एफ आर पी) है जिसे सरिए का शानदार विकल्प माना जा रहा है।

श्री गांगुर्डे ने बताया कि आज से करीब चार वर्ष पहले हमने कम्पोजिट फाइबर रीबार को देश के नामी तकनीकी संस्थानों एस जी एस आई टी एस इंदौर, आई आई टी हैदराबाद, एस डी एफ यूके से प्रमाणित करवाया था और हमें आशा थी कि ब्यूरो ऑफ़ इंडियन स्टैंडर्ड्स भी हमारे इन रीबार्स को मान्यता देगा और हमें प्रसन्नता है कि हमें थोड़ी देर से ही सही, यह प्रमाणन मिल गया है। हमारे उत्साह को बढाने के लिए अभी इतना भी काफी है कि हमें नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (NHAI) और इंडियन रोड कांग्रेस द्वारा कम्पोजिट फाइबर रीबार के उपयोग की अनुमति मिल गई है और प्रथम चरण में हमने करीब 20 किलोमीटर लम्बी ड्रेनेज लाइन बिछाई है।

यह सर्टिफिकेशन भारत में भवन, सड़कों, ब्रिज, सुरंगो तथा अन्य सभी प्रकार के सिविल निर्माण मे आधुनिक तकनीक से बने कम्पोजिट फाइबर रीबार से सिविल कंस्ट्रक्शन के क्षेत्र मे क्रांतिकारी परिवर्तन के आने की उम्मीद है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *