कोरोना पर भारी करवा चौथ की कामना:अस्पताल से घर लौटे कॉन्स्टेबल पति, नम आंखों से पत्नी ने उतारी आरती

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Jai Hind News
– राष्ट्रपति अवार्ड से सम्मानित कॉन्स्टेबल लोकेश गाथे तुकोगंज थाने में हैं पदस्थ

विश्वास हो तो सब कुछ संभव है। आस्था में वह ताकत है जो पत्थर को भगवान की सूरत में तब्दील कर पूज्यनीय बना देती है। शहर के तुकोगंज थाने में पदस्थ कॉन्स्टेबल लोकेश गाथे बीते दिनों कोरोना का शिकार हो गए थे। पत्नी सपना चिंतित थी की लेकिन भरोसा था कि उनके पति जल्द लौटेंगे। उनका विश्वास रंग लाया और संयोग था कि करवा चौथ पर की गई पति की लंबी उम्र की कामना पूरी हुई और दोपहर में पति कोरोना का मात देकर अस्पताल से लौट आए। उनके घर लौटने पर परिवार में खुशियां छा गई और करवा चौथ जैसे दीपावली साबित हुई।
राष्ट्रपति अवार्ड से सम्मानित कॉन्स्टेबल लोकेश ने बताया कि बीते दिनों मेरी तबीयत खराब हो गई थी। 6 अक्टूबर को जब मैं ड्यूटी पर था तो तबीयत खराब होने का अहसास हुआ और थाना प्रभारी को इसकी सूचना देकर घर आ गया। डॉक्टर से संपर्क किया, दवाइयां लेकर खुद को आइसोलेट कर लिया। बुखार बना हुआ था और खांसी चलती रही। कुछ हद तक स्वस्थ महसूस करने लगा लेकिन फिर जब बगैर दवाई के रहा तो खासी शुरू हो गई। मैंने सैंपल दिए, रिपोर्ट नेगेटिव थी। दवाइयों के बाद भी खांसी बंद नहीं हुई तो 13 अक्टूबर को सिटी स्कैन करवाया। पता चला कि चेस्ट में 25 फ़ीसदी तक इंफेक्शन हो चुका है।इसके बाद टेस्ट करवाया, रिपोर्ट पॉजिटिव मिली।
परिवार पर मानो कहर टूट पड़ा। बच्चे और पत्नी घबराकर रोने लगे। मैंने उन्हें तो हौसला दिया लेकिन मुझे खुद इस बात की फ़िक्र थी कि पत्नी, बच्चे कोरोना का शिकार ना हो गए हो। 13 अक्टूबर को ही उनके सैंपल भी लिए गए। जिसकी रिपोर्ट 15 अक्टूबर को आई। ईश्वर की कृपा ही कहें कि वे लोग नेगेटिव थे। मेरे परिवार में बुजुर्ग माता-पिता, पत्नी सपना बेटी अनुषा और हृदयांश है। बुजुर्ग माता-पिता परेशान ना हो इसलिए उन्हें सबकी रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद ही जानकारी दी गई।
पत्नी सपना ने कहा कि पति के पॉजिटिव होने की खबर के बाद पैरों के नीचे से जमीन निकल गई। जो चिंता और फिक्र थी उसे बयां करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं है। करवा चौथ के एक दिन पहले पति की रिपोर्ट नेगेटिव आई। तब जान में जान आई। पत्नी सपना ने कहा कि हमारे जीवन में धर्म, व्रत, उपवास और आस्था का बहुत बड़ा महत्व है। यह न सिर्फ हमारी परंपरा को जीवित रखते हैं बल्कि हमारा आत्मविश्वास भी बढ़ाते हैं और एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं। जो कई मायनों में हमारी सफलता का आधार साबित होते हैं।

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