शरीर में खून की कमीं दूर करना है तो खानपान का ख्याल रखें

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Jai Hind News
Indore

रक्त और हमारा शरीर विषय पर कार्यशाला सम्पन्न
– होम्योपैथी से बढ़ाया जा सकता है हीमोग्लोबिन और प्लेटलेट्स

इन्दौर। अनियमित दिनचर्या और अनियंत्रित खान-पान के कारण शरीर में खून की कमी होना आम बात हो चुकी है। इसे आप्लास्टिक एनीमिया, हिमोग्लोबिन की कमी या प्लेटलेट्स की कमी के रूप में भी जाना जाता है। अगर हम खान-पान का ख्याल रखें, नियमित व संयमित पोषक आहार लें तो इस समस्या को जड़ से खत्म किया जा सकता है। इस गंभीर विषय पर जानकारी देने के लिए एडवांस्ड होम्यो हेल्थ सेन्टर पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें झारखंड के श्री रामकुमार कुशवाहा एवं इंदौर की श्रीमती हेमलता लोखंडे ने अपने विचार व्यक्त किये। कार्यशाला की अध्यक्षता आयुष मंत्रालय के सदस्य डॉ. ए.के. द्विवेदी ने की।

श्री कुशवाहा ने बताया कि रक्त (ब्लड) की कई ऐसी बीमारियाँ हैं जिनमे बार-बार रक्त ब्लड चढ़ाना पड़ता है। खुद के बारे में बताते हुए बोले कि उनका ब्लड ग्रुप ‘ओ नेगेटिव’ था। 5 साल से अप्लास्टिक एनीमिया नामक बीमारी से पीड़ित थे ब्लड की कमी से कई अन्य परेशानियाँ हो जाती थी। ब्लड लगाने के लिए नेगेटिव ब्लड मिलता नहीं था। होम्योपैथिक इलाज लेने के बाद अब पूरी तरह स्वस्थ है। दवा भी बंद हो गई। शादी भी की और एक बच्चा भी है। वह भी पूरी तरह स्वस्थ है। उन्होंने कहा कि जो भी लोग ब्लड कैंसर या रक्त की कमी में ब्लड बार-बार लगाकर परेशान हैं उनको होम्योपैथिक इलाज करना चाहिये, इसके परिणाम काफी बेहतर पाये गये हैं।

श्रीमती लोखंडे ने कहा कि मानसिक विकार, घर के लड़ाई झगडे़ हमारे शरीर को कमजोर बना देते हैं। रक्त की कमी से वजन कम हो जाता है साँस भरने लगती है, वजन कम हो सकता है साथ ही यदि ध्यान नहीं रखा तो किडनी की बीमारी हो सकती है। हीमोग्लोबिन कम हो जाता है और क्रिएटनिन बढ़ने लगता है। होम्योपैथिक इलाज के साथ-साथ सही खान-पान से ठीक किया जा सकता है।

अध्यक्षता कर रहे डॉ. द्विवेदी ने कहा कि सिकल सेल एनीमिया, थैलेसीमिया, अप्लास्टिक एनीमिया ब्लड कैंसर एवं कीमोथैरेपी के मरीजों को बार-बार ब्लड चढ़ाना पड़ता है। जो कि अपने आप में एक जटिल समस्या है। बार-बार ब्लड लगाने से शरीर में आयरन डिपोजिट होने लगता है। होम्योपैथिक इलाज से हीमोग्लोबिन तथा प्लेटलेट्स बढ़ाया जा सकता है जिससे बार-बार ब्लड लगाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। हीमोग्लोबिन फेफड़ों से ऑक्सीजन लेकर रक्त में ऑक्सीजन पहुँचाता है। इसलिए आयरन की कमी से शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है और हीमोग्लोबिन कम होने से शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है। इसकी वजह से कमजोरी और थकान महसूस होती है, ऐसी स्थिति को एनीमिया कहते हैं।

डाॅ. द्विवेदी ने बताया कि, रूखी-सूखी और खुजलीदार त्वचा इस बात का संकेत देती है कि पर्याप्त मात्रा में पोषण नहीं मिल रहा है। जिसका सबसे बड़ा लक्षण थकान, अत्यधिक कमजोरी, नींद की कमी, एकाग्रता में कमी, हृदय गति का तेज होना, सीने में दर्द तथा सिरदर्द, सीढ़ी चढ़ने या टहलने में भी सांस फूलना आदि। साथ यदि कोई बड़ी बीमारी न हो तो एनीमिया को खान-पान से भी दूर किया जा सकता है। हरी पत्तेदार सब्जियाँ, चुकंदर, सोयाबीन, टमाटर, अनार, सेब एवं अंडे के अलावा होलग्रेन जैसे जई, चना, मेवा, शहद, किशमिश व खजूर आदि डाइट में शामिल कर खून की कमी को दूर किया जा सकता है।

कार्यक्रम का संचालन डॉ. विवेक शर्मा ने किया। स्वागत डॉ. जितेन्द्र कुमार पुरी ने किया। आभार डॉ. ऋषभ जैन ने व्यक्त किया। उक्त अवसर पर राकेश यादव, दीपक उपाध्याय विनय पाण्डेय, जितेन्द्र जायसवाल सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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