मामाजी कुछ तो करो… स्कूल संचालक आपके भानजे, भानजियों पर मानसिक अत्याचार कर रहे हैं

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Jai Hind News
Indore 15 May 2021

– जागृत पालक संघ ने मुख्यमंत्री , प्रमुख सचिव मप्र, संभागायुक्त इंदौर को लिखा पत्र
– बच्चों और पालकों को स्कूल संचालक द्वारा प्रताड़ित किए जाने पर कार्रवाई की मांग

कोरोना का कोहराम जिंदगी और मौत के बीच का संघर्ष बन गया है। कई परिवार उजड़ गए, कई की नौकरियां चली गई। कुछ में परिवारों में कोरोना ने बच्चों को अनाथ कर दिया तो कुछ में तंग हालातों के कारण पिता ने आत्महत्या कर ली। इन हालातों के बावजूद स्कूल संचालक बच्चों और पालकों को प्रताड़ित करने से बाज नहीं आ रहे हैं। सरकारी आदेशों के धज्जियां उड़ाते हुए बच्चों के रिजल्ट रोक लिए गए हैं। ऑनलाइन एजुकेशन के रूप में साल भर तक मोटी फीस वसूलने वाले स्कूलों को आखिरी किश्त नहीं मिली या थोड़ी भी राशि बाकी रह गई तो अब वे पालकों और बच्चों पर दबाव बना रहे हैं। इन्हीं शिकायतों के साथ जागृत पालक संघ ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर यह मांग कि है कि स्कूल वाले लगातार अत्याचार कर रहे हैं और इन पर कार्रवाई होना चाहिए।

संघ के अध्यक्ष एडवोकेट चंचल गुप्ता ने बताया कि हमने मुख्यमंत्री, प्रमुख सचिव मप्र, संभागायुक्त इंदौर, जिलाधीश इंदौर, बाल संरक्षण आयोग व स्कूल शिक्षा विभाग को पत्र लिखा है, इसमें हमने स्कूलों पर लगाम लगाने की गुहार लगाई है। बैंक ऋण वसूली के संबंध में जारी आदेशों के समान लॉक डाउन अवधि में शासन के नियमों का उल्लंघन करते हुए निजी स्कूलों द्वारा फीस के लिए बच्चों व अभिभावकों को मानसिक प्रताड़ना देने और रिजल्ट रोकने के विरुद्ध आवश्यक कार्यवाही और आदेश जारी करने के लिए लिखा है। इसकी मुख्य मांग निम्नानुसार है।

 

1. राज्य शासन द्वारा जारी आदेश का उल्लंघन करते हुए निजी स्कूलों द्वारा अभिभावकों और बच्चों पर फीस वसूली हेतु अत्यंत ही अमानवीय तरीके से प्रताड़ित किया जा रहा है और फीस के आभाव में बच्चों के रिजल्ट रोक लिए गए हैं।

2. बढ़ते कोरोना संक्रमण और लॉक डाउन के कारण आम आदमी के व्यापार व्यवसाय पूर्णत: बंद हैं और सभी मानसिक रूप से बहुत ज्यादा पीड़ित और प्रताड़ित है। साथ ही शासन द्वारा इन गंभीर परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए निजी में ऑनलाइन पढ़ाई पर भी पूर्णत: प्रतिबंध लगा रखा है।

3. स्कूल शिक्षा विभाग मप्र राज्य शासन द्वारा दिनांक 01/03/2021 को एक आदेश जारी कर निजी स्कूलों को मार्च 21 से अगस्त 21 के बीच 6 किश्तों में फीस लेने हेतु आदेशित किया है साथ ही हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा भी स्कूल फीस सम्बंधित प्रकरण (सिविल अपील 1724/2021) में पारित आदेश के पृष्ठ क्रमांक 123 के पैरा 4 में फीस के लिए बच्चों के परीक्षा परिणाम नहीं रोके जाने बाबद आदेश पारित किया है।

4. इंदौर जिले के अधिकांश स्कूलों द्वारा थोड़ी से भी फीस बकाया होने पर बच्चों के परीक्षा परिणाम रोक लिए हैं और बच्चों और अभिभावकों पर लगातार फीस वसूली के लिए दबाव बनाया जा रहा है जो कि शासन के व माननीय न्यायालय के आदेशों का स्पष्ट उल्लंघन है।

5. निजी स्कूलों का उक्त कृत्य अत्यंत ही अमानवीय और गैरकानूनी होकर दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है। इसलिए इन सभी बातों को ध्यान में रखकर बच्चों के परीक्षा परिणाम तत्काल जारी करने एवं इस लॉक डाउन अवधि में बच्चों व अभिभावकों पर फीस वसूली हेतु अनुचित दबाव नहीं बनाने बाबद आदेश जारी कर माननीय न्यायालय व शासन के आदेशों का पालन करने हेतु निर्देशित करें साथ ही आदेश का उल्लंघन करने पर आवश्यक कानूनी कार्यवाही किया जाना भी सुनिश्चित करने का कष्ट करें।

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