पैसों का बयान देने वालों ने चुनाव कैसे लड़ा…. यह सभी जानते हैं

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– कांग्रेस व्यक्ति आधारित पार्टी, जो समाज के लिए ठीक नहीं
– इंदौर महापौर पद के बीजेपी प्रत्याशी का कांग्रेस पर पलटवार

Jai Hind News, Indore

नगरीय निकाय चुनावों में सबसे हॉट सीट के रूप में ख्यात हुए इंदौर महापौर के चुनाव में बीजेपी की ओर से खड़े हुए एडवोकेट पुष्यमित्र भार्गव ने कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार किया है। उन्होंने आरोपों की सफाई देने की बजाय खंडन किया और साथ ही सवाल भी खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव के परिणाम दूध का दूध और पानी का पानी कर देंगे। कांग्रेस प्रत्याशी संजय शुक्ला के आरोेपों के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए भार्गव यह भी बोले कि कांग्रेस व्यक्ति आधारित पार्टी है जो व्यक्ति के हिसाब से चलती है और यह समाज के लिए ठीक नहीं है।

गौरतलब है कि संजय शुक्ला ने हाल ही में बयान दिया था कि – ”बीजेपी धन बल के दम पर चुनाव लड़ती है और यही कारण है कि कुछ चुनावों में उन्हें जीत मिलती है। जिन चुनावों में उनकी हार हुई है, उनमें बाद में उन्होंने विधायकों को खरीदकर सत्ता हासिल की है। यह बीजेपी का सत्ता लालच है और लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ है।”

उन्होंने कैसे चुनाव लड़ा… ?
पुष्यमित्र ने कहा कि जिन्होंने बीजेपी पर पैसों के दम पर चुनाव लड़ने का आरोप लगाया है, वो चुनाव कैसे लड़ते हैं या महापौर चुनाव उन्होंने किस तरह लड़ा है यह सभी जानते हैं। जनाधार अधिकतर चुनावों में बीजेपी के साथ इसलिए होता है क्योंकि हम विचार आधारित और कार्यकर्ता आधारित पार्टी हैं। व्यक्ति रहे न रहे, पार्टी मजबूत रहना चाहिए। जीत के प्रति विश्वास जताते हुए उन्होंने कहा कि बतौर महापौर हमने प्राथमिकता तय की है, साथ ही पार्टी के कार्यकर्ता के रूप में भी मैं वो काम करूँगा जो पार्टी तय करेगी।

 

 

 

 

 

संगठन के सवालों पर बचे पुष्यमित्र
इस बार के चुनाव में वोटिंग कम क्यों हुई………? बीजेपी को कांग्रेस कडी टक्कर क्यों दे पा रही है……..? क्या आपको सभी प्रत्याशियों का, विधायकों का, जनप्रतिनिधियों का अपेक्षित सहयोग नहीं मिला………. ? इन सारे सवालों का जवाब देने से उन्होंने साफ-साफ कुछ बोलने से इनकार किया। उन्होंने कहा कि किसी भी चुनाव में वोटिंग कम होना चिंता का विषय है। लोकतंत्र की पहली जरूरी है कि ज्यादा से ज्यादा वोटिंग हो। संगठन से जुड़े सवालों का जवाब संगठन ही दे सकता है। मैं नहीं। आगे की योजना भी संगठन को ही पता है कि क्या होगा। मुझे इन सभी सवालों के उत्तर नहीं मालूम और न ही इनका जवाब देने की आवश्यकता मुझे है। यह संगठन का विषय है।

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