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तकनीक का उपयोग करने में अव्वल है युवा

Jai Hind news, Indore

युवा वर्ग ऊर्जा का स्रोत है, युवा उन्नति का माध्यम है, युवा में नई सोच को उड़ान देने की क्षमता है सुंदर पिचाई हो चाहे सत्यम नडेला हो वे युवा वर्ग का ही प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने देश का मान विश्व पटल पर बड़ाया है। स्वामी विवेकानंद भी युवा थे उनका सूत्र वाक्य उठो चलो आगे बढ़ो तब तक ना रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना कर लो। आज भी विश्व पटल पर भारत की संस्कृति का मान बढ़ा रहा है।

ब्रिटेन प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार भारतीय मूल के ऋषि सौनक आज देश भर में चर्चा का विषय है। उपरोक्त विचार विद्यार्थी परिधि जैसलानी ने अहिल्या उत्सव समिति द्वारा आयोजित वाद-विवाद प्रतियोगिता के पक्ष में रखें विषय था” केवल युवा ही विश्व पटल पर देश का मान बढ़ाएंगा” यह प्रतियोगिता देवी अहिल्या के 227 वे पुण्यस्मरण पर आयोजित की जा रही है। वही साहिल चतुर्वेदी ने पक्ष में बोलते हुए कहा कि जब जब देश को जरूरत पड़ी तब तक युवाओं ने आगे आकर अपना योगदान दिया है भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस ,चंद्रशेखर आजाद इसके उदाहरण है। पक्ष में अपने विचार रखते हुए वक्ताओं ने कहा कि आज तकनीकी का बोलबाला है जिसमें युवा ही देश को आगे ले जा सकता है और नाम रोशन कर रहे हैं।

उम्रदराज लोग इस नई तकनीक को अपनाने में सफल नहीं हो पाए हैं कोविड-19 के वर्षों में यह सिद्ध हो चुका है। युवा आज उद्योग राजनीति कूटनीति विज्ञान आदि क्षेत्रों में देश का नाम रोशन कर रहे हैं चाहे वह आकाश अंबानी हो या कला के क्षेत्र में ए आर रहमान हो, और इंदौर ने तो अपना महापौर भी युवा पुष्यमित्र भार्गव को ही चुना है। वहीं विपक्ष में बोलते हुए निशा बाफना ने कहा कि देश का नाम रोशन करने में और उन्नति में सिर्फ एक पक्ष का योगदान नहीं हो सकता बच्चे एवं बूढ़े भी इस में सहभागी हैं जवानी नया जोश है, उत्साह है लेकिन यदि वह भटक जाए तो विनाश का कारण बन सकती है।

दक्षिण कोरिया का उदाहरण देते हुए वक्ताओं ने कहा यूक्रेन में हुए विध्वंस का कारण युवा की और अदूरदर्शिता एवं कूटनीति का अभाव है। युवाओं को मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है और वह क्षमता अनुभवी और उम्रदराज लोगों के पास की होती है।युवाओं में कार्यकुशलता का अभाव होता है वे जोश में पैसा अर्जित करने के लिए गलत रास्ते पर चल सकते हैं उन्हें उचित मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है। युवा बिना अनुभव के बिना लगाम के घोड़े के जैसा होता है।

अहिल्या उत्सव समिति के कार्यकारी अध्यक्ष अशोक डागा एवं उत्सव प्रमुख सुधीर देडगे ने बताया कि आज की प्रतियोगिता को दो भागों में विभाजित किया गया था प्रारंभिक दौर में पक्ष एवं विपक्ष में दो समूहों प्रतिभागियों को चुना गया। अंतिम दौर में पक्ष विपक्ष में प्रथम, द्वितीय, तृतीय चुने गए प्रथम दौर में निर्णायक के रूप में चाणक्य दीक्षित ,जयेश गुरनानी, रीना शर्मा, सत्यम सम्राट, तरुण भागवत एवं सुश्री त्रिवेदी शामिल थी। वही अंतिम दौर के निर्णायक के रूप में नितिन शर्मा, डॉ गायत्री पलोंड एवं लवीन ओह्वाल शामिल थे।

प्रतियोगिता संयोजक माला ठाकुर, योगेश लाभाते एवं पंकज उपाध्याय ने बताया कि पक्ष में प्रथम परिधि जैसलानी ,द्वितीय राशिका तोतला, तृतीय सुहानी सिंह परिहार रही एवं विपक्ष में दिशा कागवानी प्रथम वैदेही अग्रवाल द्वितीय जय संतोष जाट तृतीय रहे ।प्रथम दौर का संचालन दीक्षा चौहान ने एवं द्वितीय दूर का प्रसन्न शुक्ला, मयंक शर्मा ने किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रुप में डॉक्टर दिव्या गुप्ता संजय मिश्रा एवं अशोक डागा शामिल हुए। डॉ दिव्या गुप्ता ने कहा कि अहिल्या उत्सव की अध्यक्षा सुमित्रा महाजन देश की राजनीति में शुचिता की मिसाल है। वह अहिल्याबाई के पथ पर चलती रही उन्होंने दिखाया कि राजनीति बिना समझौते के भी की जा सकती है। इस अवसर पर सौरभ खंडेलवाल ,राम मूंदड़ा, देवेंद्र ईनाणी ,कमलेश नाचन आदि उपस्थित थे।

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