- इंदौर शहर के लगभग सभी विधान सभा क्षेत्रों की सड़कें बेहद खराब हालत में
- कहीं पेंचवर्क नहीं हुआ, तो कहीं पाइप लाइन के नाम पर गड्ढे खोदकर चले गए कर्मचारी
Jai Hind News, Indore
लोगों को सुविधा देने के नाम पर इंदौर में मेट्रो ट्रेन चला दी गई, लेकिन सड़कों पर चलने वाले वाहन चालकों की हालत बेहद खराब हो रही है। इसका कारण यह है कि वाहवाही बटोरने वाले इस शहर के नेता चुनावी माहौल में रमे हुए हैं और अधिकारी यहां की सड़कों की सुध लेना भुल गए।
इंदौर की सड़कों को प्रदेश के मुखिया शिवराजसिंह चौहान ने अमेरिका से बेहतर बताया था। एक दौर ऐसा भी था जब निगम के नेताओं ने सड़कों को इतना साफ, स्वच्छ बताया था और कहा था कि यहां बैठकर खाना खाया जा सकता है। लेकिन आज स्थिति पूरी तरह उल्टी है। पूरे शहर की सड़कों को उबड़-खाबड़ पड़ी हैं और वाहन चालकों की हालत बेहद खराब हो रही है। शहर भर की एक ऐसी विधानसभा नहीं है जहां सड़कों को खोदने के बाद फिर से बना दिया गया हो। खुद को जनता का सेवक बताने वाले नेता और जनप्रतिनिधि चुनाव में वोट बटोरने की जुगत लगाने में व्यस्त हैं जबकि अधिकारी चुनावी माहौल में खुद अपनी जुगाड़ लगाने में। सड़कों की तरह जनता को भी लावारिस छोड़ दिया गया है।

पेंचवर्क तक नहीं करवा पा रहे जिम्मेदारी नेता और अधिकारी
सबसे हैरत की बात यह है कि करोड़ों रुपए सड़कों को सुधारने के नाम पर खर्च करने वाले नेता-अधिकारी पेंचवर्क तक नहीं कर पा रहे। महीनों से सड़कों की हालत इतनी खराब है कि हर पल दुर्घटना का खतरा मंडराता रहता है। सड़कों से उधड़ने वाली चूरी और डामर के टुकड़े लोगों के लिए जान का खतरा बन रहे हैं। रहवासियों की दर्जनों शिकायतें पेंडिंग हैं और समस्याओं का अंबार लग चुका है फिर भी कोई ध्यान देने वाला नहीं है।

आधी-अधूरी मुरम भरकर छोड़ गए
कई क्षेत्रों में नल और स्टॉर्म वाटर लाइन के नाम पर निगम कर्मियों ने गड्ढे खोदे औ यहां नियमों के मुताबिक फिर से सड़क बनाने की बजाय आधी अधूरी मुरम डालकर छोड़कर चले गए। यहां न ही सड़क को समतल बनाने का काम किया गया और न ही डामर से पेंच वर्क किया गया। हर रोज इस तरह के गड्ढे के कारण दुर्घटना में लोग घायल हो रहे हैं।

गायब हो गए मिन्नतें करने वाले
जो नेता और उनके समर्थक नगर निगम चुनाव में हाथ जोड़कर गलियों में घूम रहे थे, वो अब गायब हो चुके हैं। निगम के अधिकतर नेता अपने आकाओं के चुनाव में लगे हैं। हर विधानसभा क्षेत्र में निगम के नेता अपने वरिष्ठ नेताओं के, जो विधानसभा में प्रत्याशी के रूप में दावेदार हैं उनके लिए वोट बैंक बढ़ाने में लगे हैं। ऐसे हालातों में निगम के कई दफ्तर खाली पड़े हैं और जनता की शिकायतों की सुनवाई नहीं हो रही है।
सुभाष मार्ग पर सड़कों में बड़े बड़े गड्ढ़े हो चुके है।