दोहे, चौपाइयों और भजनों की अंताक्षरी ने दिखाई सनातन संस्कृति की झलक

– श्रीमती कमला बेन रावजी भाई पटेल गुजराती होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज में दोहों, चौपाइयों की अनूठी अंताक्षरी आयोजित
Jai Hind News, Indore
अयोध्या में 500 वर्षों बाद बन रहे भगवान श्रीराम के मंदिर और श्री रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के अभूतपूर्व प्रसंग के तहत पूरे देश भर में कई आयोजन हो रहे हैं। ऐसा ही एक यादगार कार्यक्रम शनिवार को गुजराती समाज द्वारा आयोजित किया गया। जिसमें विद्यार्थियों ने दोहे, चौपाइयों और भजनों की अंताक्षरी खेली। आमतौर पर जो बच्चे आधुनिक गीतों की थाप पर थिरकते और फिल्मी गाने गुनगुनाते नजर आते हैं, उन्हें रामचरितमानस की “मंगल भवन अमंगल हारी, द्रवउ सो दशरथ अजिर बिहारी, …….. रामराज बैठे त्रैलोका, हरषित भये गये सब शोका, …….. जैसी चौपाइयों, दोहों और छंदों को पूरी तन्मयता से गाते- सुनाते देखना एक ऐसा विरल अनुभव रहा, जो यादों की पोटली में हमेशा-हमेशा के लिए सुरक्षित हो गया।
साधुवाद, प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व को
कार्यक्रम के संयोजक भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के वैज्ञानिक सलाहकार मंडल के सदस्य डॉ. ए.के. द्विवेदी ने कहा कि भगवान राम के मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा के प्रसंग को जिस तरह हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में साकार किया जा रहा है, उसके लिए मैं उनका हृदय से नमन करता हूँ और साधुवाद देता हूँ। मैंने यह भी महसूस किया कि आज बच्चों द्वारा गाई गई अधिकांश चौपाइयों में सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय की ध्वनियाँ प्रतिध्वनित हो रही थीं। इससे पता चलता है कि संत तुलसीदास कृत रामचरितमानस “पहला सुख निरोगी काया” का भी स्पष्ट संदेश देती है। प्राचार्य डॉ. एस.पी. सिंह ने कहा कि होम्योपैथी चिकित्सा के लिए अत्यंत गर्व का विषय है कि श्री राम जी की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में मुख्य यजमान के रूप में डॉ. अनिल कुमार मिश्रा का चयन किया गया है।
300 विद्यार्थियों की सक्रिय सहभागिता
कार्यक्रम के तहत “सबके राम – सब में राम …… रोम रोम में राम” थीम पर पेंटिंग प्रतियोगिता भी आयोजित की गई। श्रीमती कमला बेन रावजी भाई पटेल गुजराती होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज परिसर में हुए आयोजन में 300 से भी अधिक विद्यार्थियों ने अपनी सक्रिय सहभागिता दर्ज कराई। पेंटिंग में अमृता कुशवाहा प्रथम, अनुष्का बागुल द्वितीय और टीना चौहान तथा प्रिया श्रीवास्तव तीसरे स्थान पर रहीं। विजेताओं को वरिष्ठ लेखक अनिल त्रिवेदी “रोम रोम में राम” पुस्तक प्रदान कर पुरस्कृत किया गया। रामचरित मानस अंताक्षरी में अयोध्या एवं मिथिला टीम प्रथम और चित्रकूट द्वितीय स्थान पर रही। विजेताओं को प्रोफेसर डॉ. ए.के. द्विवेदी द्वारा लिखित “सनातनी संस्कृति से सुरभित बाली की फुलवारी” पुस्तक पुरस्कार के रूप में प्रदान की गई।