100 से ज्यादा नंबर बदलकर दो साल तक किया रेप, आरोपी की अग्रिम जमानत खारिज

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  • वीडियो वायरल करने की धमकी देकर पीड़िता के साथ कई बार मारपीट कर किया बलात्कार 
  • पीड़िता के दोस्तों और परिजनों को भी किया प्रताड़ित, पीड़िता को ब्लैकमेल कर छिने 1.5 लाख रुपए और मोबाइल  
  • धर्म परिवर्तन का दबाव भी बनाया, एफआईआर के तीन महीने बाद भी गिरफ्तारी नहीं होने से पुलिस की भूमिका सवालों के घेरे में 

 

इंदौर, 29 जनवरी 2024

23 वर्ष की पीड़िता से दोस्ती कर करीब दो साल तक रेप करने वाले वर्ग विशेष के आरोपी के खिलाफ सख्ती दिखाते हुए अदालत ने उसकी अग्रिम जमानत खारिज कर दी है। पीड़िता की वकील तृप्ति सिंघल ने कोर्ट को यह तर्क दिया कि आरोपी गंभीर आपराधिक मानसिकता वाला व्यक्ति है। एफआईआर के बाद भी वह पीड़िता और उसके परिजनों को डरा- धमका रहा है। अग्रिम जमानत मिलने पर वह प्रकरण, पीड़िता और जांच को प्रभावित कर सकता है। इस बात को ध्यान में रखते हुए माननीय उच्च न्यायालय ने अग्रिम जमानत नामंजूर कर दी। 

मामला बालाघाट की युवती का है जो 2021 में यहां पढ़ने आई थी। आरोपी शाहबाज खान पिता सादिक खान (31 वर्ष) भी बालाघाट का ही रहने वाला है। युवती के पीछे – पीछे वह इंदौर तक आ गया और डरा धमका कर उसने इस वारदात को अंजाम दिया। 

 

फोटो – वीडियो वायरल करने की धमकी देकर किया बलात्कार 

एडवोकेट तृप्ति सिंघल ने बताया कि आरोपी शाहबाज खान पिता सादिक खान (31 वर्ष) ने पीड़िता के साथ मारपीट की, जान से मारने की धमकी दी, फोटो- वीडियो बनाकर उसका शारीरिक शोषण किया और ब्लैकमेल कर डेढ़ लाख रुपए भी लिए। हैरत इस बात की है कि अक्टूबर 2023 में इंदौर की भंवरकुआ पुलिस ने एफआईआर दर्ज की लेकिन अब तक आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 376, 376 (2), 384, 294, 506 और 34 में प्रकरण दर्ज किया था। 

 

लाइसेंस बनाने के नाम पर झांसे में लिया और ब्लैकमेल किया  

एडवोकेट तृप्ति सिंघल के मुताबिक शाहबाज ने इस वारदात की साजिश 2020 में शुरू की थी। पीड़िता बालाघाट के आरटीओ ऑफिस में लाइसेंस बनवाने गई थी। वहां युवती की मुलाकात आरोपी से हुई। आरोपी ने कहा कि केवाईसी के दस्तावेज दे दे, वो लाइसेंस जल्दी बनवा देगा। युवती ने इसे प्रक्रिया समझकर अपने डॉक्यूमेंट्स दे दिए। अगस्त, 2021 में युवती पढ़ने के लिए इंदौर आ गई। उसके पीछे – पीछे आरोपी भी इंदौर आ गया। 14 अगस्त 2021 को उसने युवती को कॉल किया और लाइसेंस देने के बहाने उससे मिला और कहा कि लाइसेंस रूम पर छूट गया है। साथ चलने पर दे देगा। इस तरह वह बहला – फुसला कर अपने रूम पर ले गया। रूम पर जाते ही उसने अश्लील हरकतें और मारपीट शुरू कर दी। युवती के विरोध करने पर उसने ब्लैकमेल किया कि फोटो, वीडियो बना लिए हैं जो रिश्तेदारों और दोस्तों के नंबरों पर शेयर कर बदनाम दूंगा। जैसा वह कहेगा, वैसा करना होगा। इस तरह उसने धमका कर उसने जबरदस्ती रेप किया। 

 

पिटाई कर जान से मारने की धमकी दी, डर के मारे कुछ नहीं कह सकी युवती 

आरोपी ने कई बार फोटो, वीडियो वायरल करने की धमकी देकर रेप किया। युवती ने जब भी विरोध किया, तो पहले आरोपी ने पीड़िता को रूम पर बुलाया। उसकी पिटाई की और बाद में फिर से रेप किया। बदनामी के डर से युवती कुछ नहीं कह सकी और सबकुछ चुपचाप सहती रही। 

 

100 से ज्यादा नंबर बदले, दोस्त से भी करवाया वीडियो कॉल 

पीड़िता की वकील तृप्ति सिंघल ने बताया कि बार बार पीड़िता को कमरे पर बुलाने के लिए आरोपी ने अलग – अलग मोबाइल नंबर का उपयोग किया। आरोपी से परेशान होकर जब पीड़िता ने कॉल रिसीव करना बंद कर दिया तो उसने नंबर बदल – बदल कर कॉल किए। इसके लिए उसने 100 से ज्यादा नंबर बदले। आरोपी ने पीड़िता को ब्लैकमेल कर धमकाते हुए डेढ़ लाख रुपए मंगवाए और मोबाइल भी छिन लिया। एक बार उसने अपने इंदौर के ही विद्यानगर में रहने वाले दोस्त प्रफुल्ल नागवंशी से भी वीडियो कॉल करवाया और दबाव बनाया कि शाहबाज से मिलो वरना वह फोटो, वीडियो और मैसेज वायरल कर बदनाम कर देगा। आरोपी ने पीड़िता के दोस्तों और परिजनों को भी काफी परेशान किया। दोस्तों के परिजनों के शामिल होने के बाद मामला पुलिस तक पहुंचा और एफआईआर दर्ज की गई। 

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धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया, एफआईआर में जिक्र तक नहीं 

इस मामले में चौंकाने वाली बात यह भी है कि आरोपी ने पीड़िता को प्रताड़ित कर रेप करते हुए कई बार ध्ार्म परिवर्तन करने का दबाव भी बनाया। पैरवी करने वाली वकील तृप्ति सिंघल के मुताबिक पीड़िता ने अपने स्टेटमेंट में भी यह बात कही थी, लेकिन न ही पुलिस ने इसे गंभीरता से लिया और न ही एफआईआर में इसका जिक्र करते हुए कोई धारा लगाई। 

पुलिस की भूमिका सवालों के घेरे में, गिरफ्तारी क्यों नहीं 

चेन लूट, मार पीट जैसे सामान्य मामलों में बेहद संजीदगी दिखाने वाली पुलिस इस गंभीर मामले खामोश क्यों है, यह सवाल निश्चित रूप से बड़ा होता जा रहा है। अक्टूबर 2023 में एफआईआर दर्ज करवाई गई थी। इन तीन महीनों में आरोपी ने पहले जिला कोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी लगाई और वहां से खारिज होने के बाद हाईकोर्ट में अपील की। दोनों ही जगह से अग्रिम जमानत खारिज हो चुकी है। गिरफ्तारी नहीं होने के कारण आरोपी लगातार पीड़िता और उसके परिजनों को अलग – अलग नंबरों से धमका रहा है। लेकिन पुलिस अतिगंभीर मामले में लापरवाही कर रही है और आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया।  

 

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