राष्ट्रीय सशक्त महिला गौरव सम्मान के बाद साधना मादावत को मिली ‘नारी रत्न’ की उपाधि

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इंदौर: घर, समाज, राष्ट्र और सृष्टि के निर्माण में महिलाऐं अहम भूमिका निभाती है। उनके योगदान का सम्मान करने के लिए हर वर्ष 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक, आध्यात्मिक, धार्मिक, भक्तांबर, शिक्षक और अन्य क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान देने वाली 48 महिलाओं को  अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर ‘नारी रत्न’ उपाधि से सम्मानित किया गया। वडाला, मुंबई में भारतीय क्रीड़ा प्रांगण में आयोजित यह कार्यक्रम प्रदेश और शहर इंदौर की श्रीमती साधना मादावत (रंगशाला) को उनके विशेष योगदान  को देखते हुए ‘नारी रत्न’ उपाधि से सम्मानित किया गया। साधना मादावत को यह सम्मान रचनात्मकता के साथ किये गए उत्कृष्ट कार्य के लिए दिया गया है।

पुष्पदंत सागर जी एवं भक्तामर वाले बाबा डॉक्टर आचार्य श्री प्रणाम सागर जी महाराज के पावन सानिध्य में पंचकल्याणक प्रतिष्ठा के जन्म कल्याणक अवसर पर गणाचार्य पुष्पदंत सागर जी के आशीर्वाद एवं भक्तामर वाले बाबा की प्रेरणा से आयोजित इस कार्यक्रम में एक साथ 48 सम्मान लंदन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम भी दर्ज किया गया।

श्रीमती साधना मादावत ने इस विषय पर हर्ष जताते हुए कहा, “मुझे इतने कम समय में दो सम्मान प्राप्त हुए, यह सम्मान मेरे लिए बहुत ही गौरव और प्रेरणा का विषय है। इस महिला दिवस हमनें सभी महिलाओं को आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाने का संकल्प लिया। महिला सशक्तिकरण का अर्थ है महिलाओं को शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और निर्णय लेने में समान अवसर प्रदान करना। ऐसे आयोजन महिलाओं को आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी बनाने का प्रयास है। महिलाओं में असीम क्षमताएं होती हैं। उन्हें केवल अपनी शक्तियों को पहचानने और उनका उपयोग करने की आवश्यकता होती है। महिलाओं ने हर क्षेत्र में अपना योगदान दिया है, चाहे वह शिक्षा हो, विज्ञान हो, कला हो, या खेल हो। महिलाओं को सशक्त बनाने और उन्हें समाज में एक सम्मानजनक स्थान दिलाने के लिए किए जा रहे कार्यों को जारी रखूंगी।”

यह सम्मान साधना मादावत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है और यह उनके काम की मान्यता है। वह एक प्रेरणा हैं और अन्य महिलाओं को अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रोत्साहित करती हैं।

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