19 मई को सीएचएल केयर हॉस्पिटल में मधुमेह चौपाल

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इंदौरसमय के साथ मानव शरीर में कई विकार उत्पन्न हुए हैं, बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक में यह खतरा बहुत सामान्य हो गया है। इसी तरह की एक अवस्था है टाइप वन डायबिटीज, सामान्यतः यह बच्चों में ज्यादा देखने को मिलती है इसलिए इसे जुवेनाइल डायबिटीज भी कहा जाता है। टाइप वन डायबिटीज के प्रति जानकारी में कमी के कारण बच्चों में मधुमेह के दुष्प्रभाव और बच्चों के स्वास्थ्य की गंभीर चिंता पलकों को होती है। आम तौर पर टाइप वन डायबिटीज या जुवेनाइल डायबिटीज एक आजीवन रहने वाली अवस्था है लेकिन सही इलाज व प्रबंधन और सही जानकारी की मदद से इसे बहुत अच्छे से नियंत्रित कर एक सामान्य जीवन जी सकते है। इसी को ध्यान में रखते हुए एंडोक्राइनोलॉजिस्ट डॉ. संदीप जुल्का की संस्था मधुमेह चौपाल द्वारा एक सपोर्ट ग्रुप मीट का आयोजन किया जाएगा। रविवार 19 मई 2024 को इंदौर के सीएचएल केयर हॉस्पिटल में होने वाली इस मीटिंग में डायबिटीज एजुकेटर और मधुमेही बच्चों द्वारा अपने अनुभव साझा किए जाएंगें। इनमें से कहीं बच्चे ऐसे हैं जिन्हें बहुत कम उम्र से डायबिटीज थी और उन्होंने अपनी डायबिटीज को बहुत अच्छे ढंग से नियंत्रित किया और उनमें से आज कोई इंजीनियर है, डॉक्टर है, बिजनेस कर रहे हैं, कॉलेज में प्रोफेसर है बैंक में सर्विस है, एंटरप्रेन्योर है।

मधुमेह एवं हार्मोन रोग विशेषज्ञ एंडोक्राइनोलॉजिस्ट डॉ. संदीप जुल्का के अनुसार, “टाइप वन डायबिटीज एक ऑटोइम्यून डिजीज है जिसमें हमारा इम्यून सिस्टम पैंक्रियास में इंसुलिन बनाने वाली बीटा कोशिकाओं के खिलाफ एंटीबॉडी बनाने लगता है जिससे वह नष्ट होना शुरू हो जाती हैं, जिससे इंसुलिन बनना या तो बंद हो जाता है या कम होने लगता है। जिसके चलते रक्त में शर्करा का स्तर बढ़ने  लगता है। टाइप वन डायबिटीज में इंसुलिन लेना ही एकमात्र इलाज है। चूंकि इस प्रकार की डायबिटीज में या तो शरीर में इंसुलिन बनता ही नहीं है या काफी कम बनता है ऐसे में बाहर से इंसुलिन देना जरूरी हो जाता है, ताकि रक्त में शर्करा की मात्रा नियंत्रित रहे। बच्चों के माता पिताओं को बच्चों की टाइप वन डायबिटीज को लेकर काफी चिंता रहती है लेकिन कुछ सावधानियां रखी जाए तो सामान्य जीवन जिया जा सकता है। सपोर्ट ग्रुप मीट में इसी पर बच्चों का मनोबल बढ़ाया जाएगा एवं माता पिताओं को जागरूक किया जाएगा।”

सीएचएल केयर हॉस्पिटल के सीईओ श्री मनीष गुप्ता ने कहा, “हम डॉ. संदीप जुल्का और उनकी पूरी टीम के इस कदम की सराहना करते हैं। बच्चों का मनोबल बढ़ाने और उनके माता पिताओं को जागरूक करना बहुत जरूरी है ताकि इस रोग के प्रति उनमें आत्मविश्वास आए और स्थिति बेहतर हो सके। हम आगे भी इसी तरह के आयोजन करते रहेंगें। सीएचएल केयर हॉस्पिटल की पूरी टीम की तरफ से सभी बच्चों और उनके पलकों को शुभकामनाएं, आशा है इससे अधिक से अधिक लोगों को लाभ मिलेगा।”

मधुमेह चौपाल पिछले 20 सालों से डायबिटीज पर काम कर रही है। रविवार को होने वाली इस सपोर्ट ग्रुप मीट का उद्देश्य टाइप वन डायबिटीज के बारे में लोगों को अधिक से अधिक जागरूक करना और बच्चों को प्रोत्साहित कर उनका मनोबल बढ़ाना है। मनोविज्ञान विशेषज्ञ डॉ रोहिता सतीश बच्चों को खेल खिलाएँगी और बच्चों एवं उनके पैरेंट्स को इस टाइप वन डायबिटीज से लड़ने के लिए मानसिक रूप से मार्गदर्शन प्रदान करेंगी। डॉ संदीप जुल्का के अलावा इस सपोर्ट ग्रुप मीट में डॉ पवन जायसवाल, श्री आनंद पाटीदार, श्री मनोहर, श्री कपिल पांडे डायटीशियन मिस नायमा खान और उनकी पूरी टीम मौजूद रहेगी। आयोजन में टाइप वन डायबिटीज के रोगियों के लिए आहार, रहन सहन और बीमारी से जुड़ी सभी जानकारियों पर चर्चा की जाएगी। साथ ही 10 वी और 12 वी में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों का सम्मान किया जाएगा।

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