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Indore
– हवाई जहाज से वाराणसी पहुंचे किन्नर, किया पिंडदान
आपने और हमने किन्नर समाज के जुलूस ,अखाड़े तो कई देखें हैं लेकिन श्राद्ध पक्ष के अंतिम दिन सर्वपितृ अमावस्या पर किन्नर समाज ने एक अनूठा आयोजन किया। देशभर के किन्नर वाराणसी में इकट्ठा हुए और वहां अपने किन्नर गुरुओं की आत्मा की शांति के लिए त्रिपिंडी श्राद्ध किया। आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के सानिध्य में देशभर के दर्जनों किन्नर वाराणसी पहुंचे और वहां श्रद्धा भाव के साथ ज्ञात- अज्ञात पितरों सहित अपने समाज के किन्नर गुरुओं की आत्मा की शांति के लिए पूजा अर्चना की।
किन्नर अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने बताया कि महाभारत काल के शिखंडी द्वारा पिंड दान किए जाने के सैकड़ों वर्षो के बाद किन्नरों ने अपने पूर्वजों का पिंडदान कर एक नई परंपरा की शुरुआत की थी। जिसका निर्वहन अब भी विधि विधान से किया जा रहा है।
किन्नर अखाड़ा प्रयागराज की महामंडलेश्वर स्वामी कौशल्या नंद गिरी ने बताया कि यह पिंडदान कार्यक्रम चार वर्ष से किया जा रहा है। पुरुष, महिला, बच्चों और किन्नरों की जो असामयिक मौत होती है इसमें उनकी आत्मा की शांति और मुक्ति के लिए पिंडदान किया जाता है। मंदसौर जिले के दलौदा की समाजसेवी हसीना बुआ ने बताया कि इस मौके पर देशभर के किन्नर यहां पहुंचे और विधि-विधान से पूजन संपन्न किया। गंगा मैया की आरती की गई। पिंडदान किया गया और तमाम रीति रिवाज का निर्वहन भी किया गया। इस मौके पर मंदसौर की अनीता दीदी, अजमेर व अन्य शहरों से आई पिंकी बुआ, किरण बुआ, रेखा बुआ, रीटा बुआ, राजकुमारी बुआ आदि ने पूजा अर्चना कर पुण्य लाभ लिया।