अस्पताल में शव ही बदल दिया, 80 किलोमीटर दूर जंगल में जाकर दिया सही शव… देखें पूरा वीडियो

jaihindnews.com Indore

कोरोना संक्रमण काल में अस्पतालों की गंभीर लापरवाही या सामने आ रही है। शहर के निजी अस्पताल में 2 मृतकों के शव ही बदल दिए गए। एक के परिजन को दूसरा शव दे दिया और दूसरे के परिजन को पहले मृतक का शव दे दिया गया। घटना का खुलासा होते ही सनसनी फैल गई और शहर से 80 किलोमीटर दूर बीच रास्ते में पहले मृतक का शव ले जा रही एंबुलेंस को रोककर शव को एक्सचेंज किया गया। मृतक का परिवार अब खौफ में है क्योंकि उन्हें जो शव दिया गया था वह को कोविड पॉजिटिव मरीज का था अब उन्हें संक्रमण फैलने का खतरा सता रहा है। यह घटना ग्रेटर कैलाश अस्पताल में हुई।
गौरतलब है कि करीब 4 दिन पहले अस्पताल में खंडवा के कैंसर पेशेंट गेंदालाल राठौर को भर्ती किया गया था। शनिवार सुबह इनका निधन हो गया। इनका परिवार शव लेकर यहां से रवाना हुआ और करीब डेढ़ घंटे बाद बीच रास्ते में उन्हें सूचना मिली कि यह शव उनके पिताजी का नहीं है। इसलिए उन्हें वहीं रुकने को कहा गया। वे बीच जंगल में करीब 3 घंटे इंतजार करते रहे और फिर अस्पताल से दूसरी एंबुलेंस पहुंची, जिसमें से एक शव निकाल कर उन्हें दिया गया और उनसे शव लेकर दूसरी एंबुलेंस में रख दिया गया। परिजनों ने सवाल पूछे तो पता चला कि पहले उन्हें दिया गया शव महू के एक मरीज का है जो कोरोना पीड़ित था। यह सुनते ही परिजनों के पैरों तले जमीन निकल गई। परिजनों को बताया गया कि अस्पताल के शव गृह में दोनों शव गलती से बदल गए। दोनों के परिजनों ने मौके पर ही स्टाफ पर नाराजगी जाहिर की लेकिन यहां उनकी सुनने वाला कोई जिम्मेदार नहीं था । इसलिए वे शव लेकर रवाना हो गए। खंडवा के मृतक गेंदालाल राठौर के पुत्र नितिन राठौर ने बताया कि उनकी वहां पर बर्तन की दुकान है और पिताजी कुछ दिन पहले तक अच्छे थे। उन्हें कैंसर था लेकिन वह नॉन कोविड थे। 3 दिन तक सामान्य वार्ड में भर्ती रखने के बाद उन्हें कोविड वार्ड में भर्ती कर दिया गया। अस्पताल में बीती रात इस बात को लेकर भी विवाद हुआ कि अचानक सैंपल क्यों लिया गया और पॉजिटिव नहीं होने के बावजूद उन्हें कोविड वार्ड में भर्ती क्यों किया गया। अस्पताल के डायरेक्टर डॉ . अनिल बंडी ने बताया कि शव बदलने की अचूक अस्पताल में हुई है और प्रबंधन इसे स्वीकार करता है। आगे से ऐसी गलती ना हो इसका पूरा ख्याल रखा जाएगा और इसके पीछे जो भी जिम्मेदार है उन्हें इसकी सजा दी जाएगी। कोविड नहीं होते हुए भी कोविड वार्ड में भर्ती करने के पीछे उन्होंने कहा कि स्थिति को देखकर ही मरीजों को शिफ्ट किया जाता है। जांच करने के बाद ही स्थिति सामने आ पाएगी। इधर दोनों मरीजों के परिजन अंत्येष्टि व अन्य परंपरा पूरी होने के बाद इस मामले की शिकायत स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों को करने की बात कह रहे हैं।

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