सीएम… आ रहा हूं मैं, लोगों ने कहा जनता के पैसे बर्बाद मत करो

Jai Hind News
Indore
प्रदेश में चल रहे सियासी दंगल के बीच प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान चुनावी सभा को संबोधित करने सांवेर और धार क्षेत्र में आ रहे हैं।  26 सितंबर यानी आज उनकी अलग-अलग जगह पर सभाएं हो रही हैं। इसे लेकर उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखी जिसमें उन्होंने संबंधित क्षेत्रों के लोगों के बीच आने की बात कही है। उनकी इस पोस्ट के तुरंत बाद अलग-अलग क्षेत्रों के लोगों ने तरह तरह की पोस्ट और कमेंट डालना शुरू कर दी। कुछ में उनके समर्थकों ने उनका स्वागत और अभिनंदन किया जबकि कुछ में उनके प्रतिनिधियों ने विरोध जाहिर किया। जबकि कुछ पोस्ट ऐसी भी है जिनमें आम लोगों ने प्रदेश के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की मनमानी की पीड़ा जाहिर की और मुख्यमंत्री की आंखें खोलने वाली बातें भी लिखी हैं। इनमें बेरोजगारी, सरकारी योजनाओं में मनमानी, जनता के पैसे की बर्बादी, किसानों की समस्याएं, शिक्षकों की बेरोजगारी, अनियमितता आदि जैसे मुद्दे उठाएं। पेश है इन सारी पोस्ट की एक बानगी…..
जनता के पैसे की बर्बादी पर नाराज
लोगों द्वारा वायरल की जा रही पोस्ट में उन्होंने जनता के पैसे की बर्बादी पर जबरदस्त नाराजगी जाहिर की है। कई लोगों ने लिखा है कि सभाएं कर जनता के पैसे की बर्बादी करना बंद करें और इसका सदुपयोग करें। बेरोजगारी सड़कों की खराब हालत किसानों को मुआवजा देने जैसे कई महत्वपूर्ण काम बाकी है। इस पैसे का सदुपयोग उन कामों के लिए किया जाना चाहिए। कुछ लोगों ने यह भी लिखा है कि कुछ दिनों की मेहनत के बाद कई साल मजे लेने का काम है। इसलिए यह जरूरी है।
कोरोना फैला तो कौन जिम्मेदार
संक्रमण फैलने के संबंध में कुछ लोगों ने यह पोस्ट भी डाली है कि आम लोगों पर चालानी कार्रवाई हो रही है और यहां बड़ी बड़ी सभाएं की जा रही है। क्या ऐसे में कोरोना नहीं फैलेगा। इन सभाओं के बाद अगर संक्रमण बढ़ गया तो जिम्मेदारी किसकी होगी। यही नहीं कई लोगों को बसों में भर-भर कर ले जाया जा रहा है इसके खिलाफ भी कई लोगों ने पोस्ट डाली है कि छोटे नेताओं को बड़े नेताओं की सभा में लोगों को ले जाने की जिम्मेदारी दी गई है। ऐसे में अगर कोरोना हुआ तो कौन जिम्मेदार होगा। जब कोरोना के मरीज सैकड़ों में थे तब लोगों को घर में बंद कर दिया गया अब जब कोरोना के मरीज लाखों में हो गए हैं तो सभाएं की जा रही है। क्या यह मूर्खता नहीं है। इस तरह की कई पोस्ट मुख्यमंत्री की पोस्ट के बाद डाली गई है जिससे जाहिर है कि राजनीतिक सभाओं और आयोजनों के खिलाफ लोगों के मन में रोष बढ़ रहा है।
इसके बाद सरकार और विपक्ष को सोचना चाहिए कि किसी भी तरह की राजनीतिक सभा की सीमा तय हो और राजनीतिक आयोजनों पर पाबंदी लगाई जाए। सत्ता के लालच में राजनीतिक दल इस तरह का काम तो कर रहे हैं लेकिन इसका परिणाम आम जनता को भुगतना पड़ेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *