इंदौर: जी.एस.टी. काऊन्सिल की 47वी बैठक मे छोटे करदाताओ को राहत देने के लिए कई उपाय दिये गए है , वही कुछ वस्तुओ/ सेवाओ को कर के दायरे मे लाने से चीजे महंगी हो जाएंगी। टैक्स प्रेक्टिशनर एसोसिएशन (टी.पी.ए.) द्वारा आयोजित कार्यक्रम मे मुख्य वक्ता सीए सुनील पी जैन ने बताया की काउंसिल फार्म जी.एस.टी.आर – 3बी के सरलीकरण के लिए करदाताओं और टैक्स प्रोफेशनल से उनकी राय मांगने वाली है। वही रु. 2.00 करोड़ तक का व्यापार करने वाले करदाताओं को वार्षिक विवरणी फार्म जी.एस.टी.आर – 9 भरने से छूट की घोषणा की है जो की स्वागत योग्य है। इसी तरह कंपोसिशन वाले व्यापारियों द्वारा भरे जाने वाले फार्म जी.एस.टी.आर – 4 की लेट फीस भी माफ कर दी गयी है।
एसोसिएशन के उपाध्यक्ष सीए जे पी सराफ़ ने अपने उदबोधन मे कहा है की जीएसटी कानून मे बहुत तेजी से बदलाव हो रहे है। इसलिए सभी सदस्यों को नए प्रावधानो की जानकारी होना चाहिए। उन्होने कहा की एसोसिएशन लंबे समय से जीएसटी अपिलेट ट्रिब्यूनल के शीघ्र गठन की मांग कर रहा था जिसे इस काउंसिल मीटिंग मे स्वीकार कर लिया गया है।
संस्था के सचिव (एस जी एस टी) सी॰ए॰ मनोज पी गुप्ता ने कहा की अब कर का भुगतान यूपीआई/आईएमपीएस से भी किया जा सकेगा जिससे छोटे करदाता मोबाइल से ही अपना टैक्स आसानी से जमा कर सकेंगे। इसी तरह अब ई- कॉमर्स ऑपरेटर भी कंपोसिशन स्कीम का लाभ ले सकेंगे इससे ऑनलाइन विक्रेता और स्टार्टअप्स को कर अनुपालन मे सुविधा मिल सकेगी।
सी॰ए कृष्ण गर्ग, सचिव(सीजीएसटी) ने कहा की इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर, जहाँ पर कच्चे माल की टैक्स दर ज्यादा व तैयार माल पर टैक्स की दर कम होती है, वहाँ टैक्स रेट
का यूक्तिकरण किया गया है। लेकिन छोटे होटल व हॉस्पिटल की कुछ सेवाओ पर टैक्स लगाने से ये सेवाएँ महंगी हो जाएगी।
इस कार्यक्रम मे बड़ी संख्या मे सी॰ए॰ व कर सलाहकार उपस्थित थे।कार्यक्रम के अंत मे आभार प्रदर्शन टी॰पी॰ए॰ के कार्यकारिणी सदस्य अजय सामरिया ने किया।
उपरोक्त जानकारी संस्था के मानद सचिव सीए अभय शर्मा ने दी ।