मासूम को सलाखों से दागा, अंधविश्वास के कारण पहुँचा वेंटिलेटर पर

Jai Hind News, Ratlam

रतलाम में 7 साल के मासूम को इलाज के नाम पर गर्म सलाखों से दाग डाला। बच्चा राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले के सालमगढ़ का रहने वाला है। कुछ दिन से बीमार था और वहीं पर इलाज के लिए किसी को दिखाया गया था। बच्चे की हालत ठीक नहीं होने के कारण उसे वेंटिलेटर पर रखा गया है। उसकी हालत गंभीर है और उसे लगातार झटके लग रहे हैं।

अस्पताल में देखे दागने के निशान
एमसीएच अस्पताल, रतलाम के पीआईयू के डॉ. नॉवेद कुरैशी के मुताबिक जब 7 साल के भरत को बच्चे को यहाँ लाया गया था तब उसके हाथ-पैर और शरीर के अलग-अलग हिस्सों पर लोहे की गर्म सलाखों से दागने के निशान पाए गए। बच्चा तेज बुखार में था और उसे उल्टी-दस्त भी थे। पहले बाल चिकित्सालय ले जाया गया, लेकिन वहां से फिर यहां लाया गया। बच्चा फिलहाल पीआईयू में वेंटिलेटर पर गंभीर हालत में है।

अंधविश्वास के कारण शरीर को दागा
बताया जा रह है कि बच्चे को कई दिनों से उल्टी, दस्त थे। ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में इसके इलाज के लिए गर्म सलाखों से दागने (डाम लगाने) की बात प्रचलित है। इसलिए बच्चे को पहले डाम से दागा गया और वहां फर्क नहीं पड़ने पर दलोट नामक गाँव में भी ले जाया गया। वहां भी फर्क नहीं पड़ने के कारण रतलाम अस्पताल में ले जाया गया। इस बारे में बच्चे के पालक और परिजन फिलहाल कुछ स्पष्ट नहीं बता रहे हैं।

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