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आखरी अपडेट: 17 अगस्त 2022, 08:41 IST
![कृष्णा जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद अदालत में है। (फाइल फोटोः पीटीआई) कृष्णा जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद अदालत में है। (फाइल फोटोः पीटीआई)](https://images.news18.com/ibnlive/uploads/2021/07/1627283897_news18_logo-1200x800.jpg?impolicy=website&width=510&height=356)
कृष्णा जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद अदालत में है। (फाइल फोटोः पीटीआई)
एबीएचएम के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष दिनेश शर्मा ने कहा कि वह 19 अगस्त को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर स्थानीय बृजवासियों के साथ देवता की पूजा करना चाहते हैं।
अखिल भारत हिंदू महासभा के एक सदस्य ने मंगलवार को कथित तौर पर अपने खून से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखकर शाही मस्जिद ईदगाह के अंदर जन्माष्टमी की नमाज अदा करने की अनुमति मांगी थी, जिसमें दावा किया गया था कि यह भगवान कृष्ण का जन्मस्थान है।
एबीएचएम के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष दिनेश शर्मा ने कहा कि वह 19 अगस्त को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर स्थानीय बृजवासियों के साथ देवता की पूजा करना चाहते हैं।
यह तब भी आता है जब कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद से संबंधित कई मुकदमे अदालतों में हैं, हिंदू याचिकाकर्ताओं का दावा है कि मस्जिद कटरा केशव देव मंदिर से संबंधित एक भूखंड पर बनाई गई है और इसे हटा दिया जाना चाहिए।
मुस्लिम पक्ष ने इस याचिका का विरोध किया है। शर्मा ने अपने पत्र में कहा है, “इसलिए, कृष्ण पूजा एक ऐसी जगह पर की जा रही है, जो उनका जन्मस्थान नहीं है।” उन्होंने दावा किया कि जिस स्थान पर कान्हा का जन्म हुआ वह शाही मस्जिद ईदगाह के नीचे मौजूद है। आदित्यनाथ को “हिंदू भगवान हनुमान का अवतार” कहते हुए, शर्मा ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि मुख्यमंत्री उन्हें मस्जिद के अंदर पूजा करने की अनुमति देंगे।
यदि अनुमति से इनकार किया जाता है, तो शर्मा ने कहा, उन्हें मरने की अनुमति दी जानी चाहिए क्योंकि “भगवान कृष्ण को उनके जन्मस्थान पर ही नमन किए बिना जीवन जीना बेकार है”। इससे पहले एक अदालत में प्रस्तुत इसी तरह के एक आवेदन को 3 अगस्त, 2022 को खारिज कर दिया गया था।
शर्मा ने 18 मई को सिविल जज (सीनियर डिवीजन) ज्योति सिंह की अदालत में एक अर्जी दाखिल कर अदालत से शाही मस्जिद ईदगाह के अंदर लड्डू गोपाल (बाल कृष्ण) का जलाभिषेक करने की अनुमति देने का अनुरोध किया था।
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