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आखरी अपडेट: 23 अगस्त 2022, 12:12 IST
ईपीएस की ओर से पेश वरिष्ठ वकील विजय नारायण ने न्यायाधीशों को बताया कि एकल न्यायाधीश के आदेश ने अन्नाद्रमुक में गतिरोध पैदा कर दिया है। (फाइल फोटोः पीटीआई)
इस आदेश ने पार्टी के अंतरिम महासचिव के पद से ईपीएस को छीन लिया और ओपीएस के काम आया, जिन्होंने पार्टी के कोषाध्यक्ष और समन्वयक के अपने पुराने पदों को बहाल कर दिया।
मद्रास उच्च न्यायालय मंगलवार को अन्नाद्रमुक नेता के पलानीस्वामी की एकल न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ याचिका पर सुनवाई करेगा, जिसने पार्टी की 11 जुलाई की आम परिषद की बैठक को अमान्य करार दिया था, जिसने उन्हें अंतरिम प्रमुख के रूप में चुना था और उनके प्रतिद्वंद्वी ओ पनीरसेल्वम को निष्कासित कर दिया था। न्यायमूर्ति जी जयचंद्रन ने पिछले सप्ताह इस साल 23 जून तक यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था।
इस आदेश ने पार्टी के अंतरिम महासचिव के पद से, जैसा कि पलानीस्वामी जाने जाते हैं, ईपीएस छीन लिया था और ओपीएस के काम आया, जिन्होंने पार्टी के कोषाध्यक्ष और समन्वयक के अपने पहले के पदों को बहाल कर दिया।
सोमवार को जब यह मामला जस्टिस एम दुरईस्वामी और जस्टिस सुंदर मोहन की बेंच के सामने आया तो ईपीएस की ओर से पेश वरिष्ठ वकील विजय नारायण ने जजों से कहा कि सिंगल जज के आदेश ने अन्नाद्रमुक में गतिरोध पैदा कर दिया है। उन्होंने न्यायाधीशों से मामले की तत्काल सुनवाई करने का आग्रह किया। उन्होंने न्यायाधीशों से न्यायमूर्ति जयचंद्रन की मूल आदेश प्रति की आवश्यकता को समाप्त करने और ऑनलाइन प्रति स्वीकार करने का भी अनुरोध किया।
पीठ ने अनुरोध को स्वीकार कर लिया और रजिस्ट्री को इसे आज पोस्ट करने का निर्देश दिया।
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