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Indore
15 दिसम्बर 2020 को दो दिवसीय निशुल्क होम्योपैथिक चिकित्सा शिविर का शुभारंभ
इंदौर। होम्योपैथिक दवाइयों का असर एलोपैथी दवाइयों से कम नहीं होता और मरीजों को राहत मिलने की गति धीमी होती है। इस तरह की बातें महज अफवाह है जबकि सच्चाई यह है कि कई बीमारियों में इनका असर तेज और स्थाई रूप से होता है। यह जानकारी आयुष मेडिकल वेलफेयर फाउंडेशन द्वारा आयोजित दो दिवसीय निशुल्क चिकित्सा वह परामर्श शिविर में विशेषज्ञों ने कहीं।
गौरतलब है कि वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक व आयुष मंत्रालय भारत सरकार में सलाहकार बोर्ड के सदस्य डॉ एके द्विवेदी द्वारा दो दिवसीय निशुल्क शिविर का आयोजन किया जा रहा है। 16 दिसंबर 2020 को उनके जन्मदिन के अवसर को ध्यान में रखकर यह शिविर रखा गया है। 15 दिसबंर को इस के शुभारंभ अवसर पर एयरपोर्ट डायरेक्टर आर्यमा सान्याल ने विशेष अतिथि के रूप में कहा कि लोगों की यह ग़लतफ़हमी है कि एलोपैथी दवा जल्दी और होम्योपैथी दवा धीमे असर करती है। जो सर्दी जुकाम सामान्य दवाइयों से 8 दिन में ठीक नहीं होती है, होम्योपैथी दवा से मात्र 3 दिन में ठीक हो जाती है और किसी भी प्रक्रार की कमजोरी या सुस्ती भी नहीं लगती। उन्होंने एसिडिटी, डैंड्रफ एवं त्वचा रोगों में होम्योपैथिक इलाज को सबसे बेह्तर इलाज बताया।
अतिथि डॉ. संजय दीक्षित, डीन एमजीएम मेडिकल कॉलेज ने कोविड मरीजों को दी जा रही होम्योपैथिक दवा के बारे में विस्तृत जानकारी हासिल की तथा मरीज से चर्चा भी की जिनको खांसी और कमजोरी में
होम्योपैथिक इलाज से काफी जल्दी आराम मिला। उन्होंने पोस्ट कोविड ममरीजों की सीटी रिपोर्ट भी देखी। ऐसा मरीज जिसका लंग 75 प्रतिशत तक ख़राब हो गया था। अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद लगभग एक माह होम्योपैथिक दवा ली और पूरी तरह स्वस्थ है।
दोनों अतिथियों ने वृक्षारोपण भी किया। स्वागत डॉ विवेक शर्मा तथा दीपक उपाध्याय ने किया। संचालन डॉ जितेन्द्र पूरी ने किया और आभार डॉ ऋषभ जैन ने व्यक्त किया। होम्योपैथिक दवा राकेश यादव, जितेन्द्र तथा विनय पंडित द्वारा मरीजों के लिए तैयार की गई।
डॉ एके द्विवेदी ने कहा कि मेरा प्रयास रहता है कि मरीजों को उनकी बीमारी के बारे में सही जानकारी उपलब्ध कराई जाए और बीमारी बढ़नेसे पहले इलाज दिया जाए।