स्वास्थ्य रथ को हरी झण्डी दिखा सांसद श्री शंकर लालवानी ने किया रवाना
इंदौर। 28 फरवरी 2021
आमतौर पर एनीमिया को लोग छोटी बीमारी समझ, इसे गम्भीरता से नहीं लेते, जबकि यह एक ऐसी बीमारी है, जो कई अन्य बीमारीयों को जन्म देती है। प्रति वर्ष 4 मार्च को विश्व एनीमिया दिवस मनाया जाता है। आयुष मेडिकल वेलफेयर फाउंडेशन एवं मेडिकल और हेल्थ मैग्जीन सेहत एवं सूरत और एडवांस्ड होम्योपैथिक मेडिकल रिसर्च एवं वेलफेयर सोसायटी के सहयोग से एनीमिया अवेयरनेस पर प्रतिवर्ष आयोजन किया जाता है। इसी श्रृंखला में इस वर्ष भी एनीमिया के बारे में जागरुक करने के साथ ही उसके कारण, दुष्परिणाम, बचाव व इलाज की जानकारी देने के लिए एक स्वास्थ रथ तैयार किया गया है, जिसमें 5 से 6 वोलिएंटर्स भी साथ में रहेंगे। ये लोग होम्योपैथिक इलाज तथा खान-पान के बारे में जानकारी देने के साथ-साथ, निःशुल्क बुकलेट भी लोगों को प्रदान कर रहे हैं।
निर्धारित समय में कार्यक्रम स्थल पर पहुँचकर सांसद श्री शंकर लालवानी ने हरी झण्डी दिखा स्वस्थ रथ को रवाना किया। यह रथ 28 फरवरी को निकल कर 4 मार्च तक शहर के कई इलाको में घूमेगा और लोगों को अप्लास्टिक एनीमिया के बारे में जागरूक करेगा। इस रथ की यात्रा 4 मार्च को होटल अमर विलास ए.बी. रोड पर खत्म होगी। जहाँ पर निःशुल्क अप्लास्टिक एनीमिया अवेयरनेस सेमिनार भी आयोजित किया जायेगा। निःशुल्क सेमिनार के लिए रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे आयुष मन्त्रालय भारत सरकार में वैज्ञानिक सलाहकार बोर्ड के सदस्य डॉ. ए.के. द्विवेदी ने बताया कि “दाँतों या मसूड़ों से लगातार खून निकलना, लम्बे समय तक मासिक धर्म की समस्या से ग्रस्त रहना या पाइल्स की वजह से मल में खून आना, इनमें से किसी भी कारण से व्यक्ति अप्लास्टिक एनीमिया का शिकार हो सकता है। कई लोग बुखार, जोड़ों में दर्द या त्वचा की समस्या के लिये चिकित्सक की सलाह लिये बगैर लम्बे समय तक लेते रहते हैं उन्हें भी अप्लास्टिक एनीमिया होने की आशंका ज्यादा रहती है। कीमोथेरेपी के कारण भी एनीमिया होने का खतरा रहता है। हम ऐसी गंभीर बीमारी के बारे में लोगों को जागरुक करना चाहते हैं। यदि लोग शरीर में हिमोग्लोबीन की मात्रा बनाये रखें और नियमित रूप से हीमोग्लोबीन की जाँच करवाते रहें तो एनीमिया जनित अन्य बीमारियों से भी बच सकते हैं।
विशिष्ट अतिथि डाॅ. भूपेन्द्र गौतम ने अपने स्वयं के अनुभव साझा करते हुए बताया कि, मैं स्वयं डाॅ. द्विवेदी के इस जादुई चिकित्सा से स्वस्थ हुआ हूँ। मुझे स्वास्थ्य सम्बन्धी जब भी कोई समस्या होती है, मैं डाॅ. द्विवेदी को दिखा, सिर्फ होम्योपैथी दवाईयों का सेवन करता हूँ। परिवार के अन्य सदस्यों को भी इस चिकित्सा पद्धति से इलाज के लिये प्रेरित करता रहता हूँ।
आभार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम के विशिष्ट डाॅ. वैभव चतुर्वेदी ने बताया कि, मरीज जब ऐसी गम्भीर बीमारियों से ग्रसित रहता है तो उसकी मानसिक सन्तुलन बिगड़ने लगता है और वह मरीज इतना बीमारी से पीड़ित नहीं रहता जितना कि वह बीमारी के भय से बीमार को और अधिक जटिल बना देता है। ऐसे में बीमार व्यक्ति के परिजनों को धैर्य व संयम से काम लेकर बीमार मरीज के साथ सकारात्मक वातावरण बनायें जिससे मरीज दवाईयों के साथ अपने आपको रिकवर करने में सक्षम हो जाए।
कार्यक्रम में डाॅ. विवेक शर्मा, डाॅ. जितेन्द्र कुमार पुरी, श्री राकेश यादव, श्री दीपक उपाध्याय, श्री विनय कुमार पाण्डेय, जितेन्द्र जायसवाल सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।