मोटापे से मुक्ति:  पुरूष-महिलाओं के साथ किन्नरों को भी मिली नई जिंदगी

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– आज 4 मार्च को दुनिया भर में मनाया जाता है ‘वर्ल्ड ओबेसिटी डे”
– मोहक बैरियाट्रिक्स एंड रोबोटिक्स, इंदौर में 16 हजार लोगों ने करवाई बैरियाट्रिक सर्जरी
– मध्यप्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र और राजस्थान सहित कई राज्यों के दर्जनों किन्नरों ने भी यहां ऑपरेशन करवाकर पाई मोटापे से मुक्ति

इंदौर, 4 मार्च 2021
अनियंत्रित खानपान, शारीरिक व्यायाम का अभाव और हार्मोन के बदलाव से जुड़े कारणों के चलते मोटापा हर उम्र के लोगों को अपना शिकार बना रहा है। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक हर उम्र के लोग अभिशाप मानी जाने वाली इस बीमारी का सामना कर रहे हैं। महिला और पुरूष ही नहीं बल्कि थर्ड जेंडर के रूप में पहचान हासिल करने वाले किन्नर भी बड़ी संख्या में इसकी गिरफ्त में इसका शिकार हो रहे हैं। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि उन्हें सही समय पर सही मार्गदर्शन नहीं मिल पाता। न ही वे इससे बचने के उपाय कर पाते हैं और न ही इससे पीड़ित होने के बाद ऑपरेशन करवा पाते हैं। बैरियाट्रिक सर्जरी ऐसी प्रक्रिया है जिससे मोटापे की समस्या को हमेशा के लिए खत्म किया जा सकता है। आज 4 मार्च को वर्ल्ड ओबेसिटी डे के मौके पर हम आपको ऐसे ही कुछ मरीजों से मिलवाने जा रहे हैं जिन्होंने मोहक बेरियाट्रिक्स एन्ड रोबोटिक्स, इंदौर में ऑपरेशन करवाया और आज एक सामान्य और खुशहाल जिंदगी जी रहे हैं।

देश भर के मरीजों को इंदौर में मिल रही नई जिंदगी
रोबोटिक बैरियाट्रिक एंड मेटाबोलिक सर्जन डॉ. मोहित भंडारी ने बताया कि यहां आधुनिक चिकित्सा उपकरणों और सुविधाओं के साथ बैरियाट्रिक सर्जरी की जा रही है। अलग-अलग मरीजों की सर्जरी अलग-अलग तरह से होती है लेकिन इसका मूल सिद्धांत यह है कि पेट की थैली का आकार छोटा कर दिया जाता है जिससे संबंधित मरीज को कम भोजन में ही पेट भर जाने, भूख खत्म हो जाने का अहसास होता है। इसके साथ ही कई मानकों का ध्यान रखा जाता है। ताकि सर्जरी के बाद दोबारा मोटापा बढ़ने की समस्या पैदा न हो।

किन्नरों को ऑपरेशन के बाद मिली खुशहाल जिंदगी
विशेषज्ञों के मुताबिक किन्नरों में मोटापे की समस्या लगातार बढ़ रही है। इसका कारण यह है कि वे योग, व्यायाम व अन्य स्वास्थ्य जागरुकताओं से दूर होते हैं। इनके लिए यह समस्या और भी बड़ी इसलिए हो जाती है क्योंकि आज भी समाज में इनकी स्वीकार्यता पूरी तरह नहीं है। मोटापे की प्राथमिक अवस्था में उन्हें बीमारी का अहसास होता है लेकिन फिर भी उन्हें इसका इलाज नहीं मिल पाता क्योंकि सामाजिक रूप से उन्हें सही मार्गदर्शन तक नहीं मिल पाता और हर जगह उन्हें टाल दिया जाता है। शादियों में नाचना- गाना किन्न्रों की परंपरा है और यही उनकी जीविका का आधार है। लेकिन मोटापे का शिकार होने के बाद उनके लिए यह भी संभव नहीं होता जिसके चलते उन्हें आर्थिक परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है। इस तरह की समस्या से पीड़ित किन्नरों ने कुछ वर्ष पहले मोहक बैरियाट्रिक्स एंड रोबोटिक्स, इंदौर में संपर्क किया और अब तक गुजरात, मध्यप्रदेश, राजस्थान आदि सहित देश भर के दर्जनों किन्नर यहां आकर सर्जरी करवा चुके हैं। मोटापे के कारण ये किन्नर कई तरह की बीमारियों का शिकार हो चुके थे। डायबिटिज, ब्लड प्रेशर, सांस संबंधी बीमारियों के कारण इनका जीना दुभर हो रहा था। लेकिन बैरियाट्रिक सर्जरी से न सिर्फ वजन कम हुआ बल्कि डायबिटिज, ब्लड प्रेशर और सांस संबंधी बीमारियां भी लगभग खत्म हो चुकी हैं। जिससे उन्हें फिर समाज में सामान्य जीवन जीने में सफलता मिली।

ऑपरेशन के बाद मिला खुशहाल जीवन
अहमदाबाद की किन्नर नेहा मौसी ने बताया कि कुछ वर्षों से मेरा वजन लगातार बढ़ रहा था। फरवरी 2020 तक वजन 96 किलोग्राम हो चुका था। इस कारण मुझे कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। शादियों में जाकर कमाई करना तो दूर चलने-फिरने में भी समस्या आ रही थी। मार्च 2020 में मैंने यहां आकर ऑपरेशन करवाया और अब मेरा वजन 63 किलोग्राम है। किसी तरह की कोई परेशानी नहीं है और अब मैं सामान्य जीवन जी रही हूं।

मोटापे के कारण होने लगी थी कई समस्याएं
किन्नर शिवानी मौसी ने बताया कि मेरा वजन 98 किलोग्राम हो चुका था, जो मेेरे कद के हिसाब से काफी ज्यादा था। वजन बढ़ जाने के कारण सांस फूलना, थकावट, कमजोरी, ब्लड प्रेशर जैसी तमाम समस्याएं हर दिन बढ़ती जा रही थी। खान-पान पर कंट्रोल करने के बावजूद वजन कम करने में सफलता नहीं मिली। कई कोशिशों के बाद आखिरकार जून 2019 में मैंने मोहक अस्पताल में सर्जरी करवाई। अब मेरा वजन 64 किलोग्राम है। वजन कम होने के कारण मेरी दूसरी समस्याएं भी खत्म हो चुकी हैं।

171 किलो से 100 किलो हुआ वजन
किन्नर सुनीता मौसी मोटापे का शिकार होने वाले उन मरीजों में शामिल थीं, जिनका वजन बेहद तेजी से बढ़ रहा था। मार्च 2019 में उनका वजन 171 किलो तक हो चुका था। सुनीता ने बताया कि मोटापे के कारण पैदल चलना भी मुश्किल हो रहा था। अप्रैल 2019 में मैंने बैरियाट्रिक सर्जरी करवाई और इसके बाद मेरा वजन 100 किलो हो गया। इसके बाद वजन नहीं बढ़ा और स्वास्थ्य संबंधी दूसरी परेशानियां भी खत्म हो गईं।

मोटापे से जुड़े गंभीर तथ्य-
– एक सर्वे के मुताबिक 29 सालों बाद दुनिया की आधी आबादी ओवरवेट हो जाएगी।
– आज के समय में 13.5 करोड़ भारतीय मोटापे से ग्रस्त हैं।
– भारत में करीब 1.7 करोड़ बच्चे मोटापे का शिकार हो चुके हैं।
– बच्चों के मोटापे के मामले में 184 देशों की सूची में भारत दूसरे नंबर पर है।
– भारत के 70 प्रतिशत लोग ओवर वेट हैं।

बैरियाट्रिक सर्जरी एक आधुनिकतम सर्जरी है जिसके महज पांच घंटे बाद ही मरीज पैदल चल सकता है। सामान्यत: सर्जरी के तीन दिन बाद मरीज को अस्पताल से छुट्टी दे दी जाती है। बगैर बेड रेस्ट मरीज स्कूल, कॉलेज, ऑफिस के सामान्य काम कर सकता है। ऑपरेशन के बाद सिर्फ तीन सप्ताह बाद तक डाइट चार्ट फॉलो करवाया जाता है और इसके बाद वह अपने सामान्य जीवन में लौटते हुए मनपसंद खाना खा सकता है।
– डॉ. मोहित भंडारी
रोबोटिक बैरियाट्रिक मेटाबोलिक सर्जन एंड डायरेक्टर- मोहक बैरियाट्रिक्स एंड रोबोटिक्स, इंदौर

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